१-उसने कभी
कुछ भी नहीं चाहा
है अलग से
२- प्यार तुम्हारा
खुद पाने के लिए
सोंपा खुद को
३-सपना देखा
सजाया सवारा है
कौने कौने को
४- जब अपेक्षा
किसीसे भी नहीं की
तुम्हारे सिवा
५ -जीने के लिए
आसरा चाहिए था
उसी में खोई
६-- गीत गाने की
गुनगुनाने से ही
होती प्रवल
७-- धन दौलत
दिल की दौलत से
कम न हीं है
८ -नहीं संतुष्टि
रहती है मन में
किसी से मिल
९-- सारे जग से
माया मोह मद से
दूर रही हूँ
१० - खोई रहती
भावों के सागर में
शान्ति नहीं है
११ - थोपे न जाते
विचार किसी पर
जबरजस्ती से
१२ - धरा आसमां
मिलते क्षितिज में
हुए प्रसन्न
१२ -महक आती
फूलों की कोमलता
मन छू जाती
आशा
सुन्दर हाइकु ! तीसरे हाइकु की अंतिम पंक्ति चेक कर लें !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
हटाएंबहुत सुंदर हाइकु।
जवाब देंहटाएंआभार कुलदीप जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ज्योति टिप्पणी के लिए |