16 अप्रैल, 2022

हाइकु

१-उसने  कभी   

कुछ भी नहीं चाहा 

है अलग से 


२- प्यार तुम्हारा 

खुद पाने के लिए  

सोंपा खुद को 


३-सपना देखा 

 सजाया  सवारा है 

कौने कौने को 

४-  जब  अपेक्षा 

किसीसे  भी नहीं की 

 तुम्हारे सिवा 


५ -जीने के लिए 

आसरा चाहिए था 

उसी में खोई 


६-- गीत गाने की 

गुनगुनाने  से ही 

होती  प्रवल


७--  धन दौलत 

दिल की दौलत से 

कम न हीं  है 


८ -नहीं  संतुष्टि 

 रहती है मन में 

 किसी से मिल  


९-- सारे जग से 

माया मोह मद से 

दूर रही हूँ 


१० - खोई रहती 

भावों के सागर में 

शान्ति नहीं  है 


११ - थोपे न जाते  

विचार  किसी पर  

जबरजस्ती से 


१२ -    धरा आसमां

मिलते  क्षितिज में 

 हुए प्रसन्न 


१२ -महक आती 

फूलों की कोमलता 

मन छू जाती 

आशा 

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर हाइकु ! तीसरे हाइकु की अंतिम पंक्ति चेक कर लें !

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार कुलदीप जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    धन्यवाद ज्योति टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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