तुम्हारा आँचल ममता का साया उसका
जब तक रहता उसके सर पर
उसकी उम्र बढ़ जाती
जीवन में खुशियाँ
आतीं |
प्यार दुलार तुम्हारा उस पर
जब होता न्योछावर
गर्व का अनुभव उसके मन को होता
यही बचाए रखता उसे
दुनिया के प्रपंचों से|
जब वह उलझता
किसी समस्या में
तुम्हारा आँचल सर पर होता
उसकी रक्षा करता |
वात्सल्य तुम्हारा कूट कूट कर
भर जाता उसकी रगों में
देता साथ जन्म जन्मान्तर तक
वही सहायक होता जीवन भर |
है वही इंसान धनी जिसे
माँ की छत्र छाया मिले
वह भूखा कभी नहीं सोये
पर माँ का वात्सल्य मिले |
आशा
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जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 03 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुप्रभात
हटाएंआभार सहित धन्यवाद मेरी रचना की सूचना के लिए |
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंबेशक़. यहाँ के ऑटो के पीछे सुभाषित लिखा दीखता है कई बार .....
जवाब देंहटाएंमाँ - बाप की दुआ.
और एक संवाद तो ग़ज़ब का लोकप्रिय है ही....
मेरे पास माँ है.
हम सब के अपने अनुभव और भावनाएं भी हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा सुख है माँ-बाप का साया.
धन्यवाद नूपुर जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंमाँ के आँचल की छाया से बढ़ कर और कुछ नहीं ! सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंसाधना धन्यवाद टिप्पणी के लिए |