02 अप्रैल, 2022

वात्सल्य


 

तुम्हारा आँचल ममता का साया उसका

जब तक  रहता उसके सर  पर

 उसकी उम्र बढ़ जाती

 जीवन में खुशियाँ आतीं |

 प्यार दुलार तुम्हारा उस पर 

जब होता  न्योछावर 

 गर्व का अनुभव उसके मन को होता  

 यही बचाए रखता उसे 

 दुनिया के प्रपंचों से|

जब वह उलझता 

किसी समस्या में 

 तुम्हारा आँचल सर पर होता 

उसकी  रक्षा करता |

 वात्सल्य तुम्हारा  कूट कूट कर

भर जाता उसकी रगों  में

देता साथ जन्म जन्मान्तर तक

वही  सहायक  होता जीवन भर |

है वही  इंसान धनी जिसे

 माँ की छत्र छाया मिले

 वह भूखा  कभी नहीं  सोये

पर माँ का वात्सल्य मिले |

                     आशा 

9 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 03 अप्रैल 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      आभार सहित धन्यवाद मेरी रचना की सूचना के लिए |

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  3. बेशक़. यहाँ के ऑटो के पीछे सुभाषित लिखा दीखता है कई बार .....
    माँ - बाप की दुआ.
    और एक संवाद तो ग़ज़ब का लोकप्रिय है ही....
    मेरे पास माँ है.
    हम सब के अपने अनुभव और भावनाएं भी हैं.
    दुनिया का सबसे बड़ा सुख है माँ-बाप का साया.

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  4. माँ के आँचल की छाया से बढ़ कर और कुछ नहीं ! सुन्दर रचना !

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