मंद मंद बयार चली
मौसम ने ली अंगड़ाई
मन हर्षित हुआ क्यूँ
कारण न जान पाई |
सर्द सा मौसम है
वर्षा आने को है
व्योम में बदरा छाए है
जिनमें ओले भरे पड़े हैं |
अचानक बादल आपस में टकराए
बिजली चमकी बादल गरजे
तेज हवा का झोंका आया
टप टप ओले टपके
बच्चे उन्हें खाने को दौड़े |
ओले आए कहां से ?
प्रश्न मुंह बाए खड़ा है
बेमौसम बरसात हुई है
शायद यही मावठा है |
आशा
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 21 अप्रैल 2022 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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सुप्रभात
हटाएंआभार रवीन्द्र जी मेरी रचना की सूचना के लिए |
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21-04-22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4407 में दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबाग
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार दिल बाग़ जी मेरी रचना की सूचना के लिए |
ओलों की यह बेमौसम बरसात ही तो अन्नदाताओं के प्राण संकट में डाल देती है ! खेतों में कटने के लिए फसल तैयार खड़ी है और यह ओला वृष्टि कहीं उसका सर्वनाश न कर दे !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात धन्यवाद साधना टिप्पणी क्व लिए |
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