05 अप्रैल, 2022

भाग्य


                भाग्य का सितारा

न जाने कब चमकेगा

कितने योग आए राशी में

सितारों में चमक दिखलाते |

 सच की परिक्षा में

एक भी सफल न हुआ

बड़ी बड़ी भविष्यवानियाँ सुनी

पर एक भी सही न निकली |

कुछ भी विश्वास योग्य नहीं

भाग्य के सितारे कहाँ खोगये

जानने  पर असंतोष के सिवाय

कुछ न मिला जब परिणाम सामने आया |

कुछ भी हांसिल न हुआ

भाग्य ने साथ अब भी न दिया

मन तिलमिला कर रह ग़या |

ऎसी भविष्वाणी किस काम की

जिसने झुठे स्वप्न दिखाए

दिन में चमकते सितारे दिखा

मन को दिग भ्रमित किया |

 ईश्वर की इच्छा यही थी

अब किसी से कोई शिकायत नहीं

भाग्य भी प्रभू ने बनाया है

कोई बदल नहीं पाया उसे |

आशा

 

 

 

 

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति ! अति सुन्दर !

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  2. सुप्रभात
    आभार सर मेरी रचना की सूचना के लिए |

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  3. भाग्य के निर्माता हम स्वयं ही हैं, आज के कर्म कल का भाग्य

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  4. सुंदर,भावपूर्ण अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात
    धन्यवाद हिमकर जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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