भाग्य का सितारा
न जाने कब चमकेगा
कितने योग आए राशी में
सितारों में चमक दिखलाते |
सच की परिक्षा में
एक भी सफल न हुआ
बड़ी बड़ी भविष्यवानियाँ सुनी
पर एक भी सही न निकली |
कुछ भी विश्वास योग्य नहीं
भाग्य के सितारे कहाँ खोगये
जानने पर असंतोष के सिवाय
कुछ न मिला जब परिणाम सामने आया |
कुछ भी हांसिल न हुआ
भाग्य ने साथ अब भी न दिया
मन तिलमिला कर रह ग़या |
ऎसी भविष्वाणी किस काम की
जिसने झुठे स्वप्न दिखाए
दिन में चमकते सितारे दिखा
मन को दिग भ्रमित किया |
ईश्वर की इच्छा यही थी
अब किसी से कोई शिकायत नहीं
भाग्य भी प्रभू ने बनाया है
कोई बदल नहीं पाया उसे |
आशा
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति ! अति सुन्दर !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार सर मेरी रचना की सूचना के लिए |
भाग्य के निर्माता हम स्वयं ही हैं, आज के कर्म कल का भाग्य
जवाब देंहटाएंसुंदर,भावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद हिमकर जी टिप्पणी के लिए |