मैंने बहुत कुछ सीखा
न सीखी होशियारी
नाही कुछ हसीं ख्याव देखे
ना ही जीवन रूमानी |
किसी से कुछ भी न सीखना चाहा
सोचा अधिक सीख कर क्या होगा
अपच ही हो जाएगा
धीरे से यदि सब सीखा
कुछ अधिक उजाला लाएगा |
जाने कितने संकल्प किये
कितनों की सहायता की
कितनों की निगहवानी की
तब भी कोई यश न मिला
जान कर भी कुछ न मिला |
हर निराशा में आशा पाई
आगे जाने की उम्मीद जगाई
तभी यह अरमान जाग्रत हुए
हम सब कर सकते हैं |
आशा सक्सेना
बिलकुल ! आत्मविश्वास होना चाहिए और हौसला कभी डगमगाना नहीं चाहिए हम सब कर सकते हैं !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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