16 अगस्त, 2022

मैंने बहुत कुछ सीखा

 मैंने  बहुत  कुछ सीखा 

न सीखी होशियारी 

नाही कुछ हसीं ख्याव देखे 

ना ही जीवन रूमानी |

किसी से कुछ भी न सीखना चाहा 

सोचा अधिक सीख कर क्या होगा 

अपच ही हो जाएगा 

धीरे से यदि सब सीखा 

कुछ अधिक उजाला लाएगा |

जाने कितने संकल्प किये 

कितनों की सहायता की 

कितनों की निगहवानी की 

तब भी कोई यश न मिला 

जान  कर भी कुछ न मिला | 

हर निराशा  में आशा  पाई 

आगे जाने की उम्मीद जगाई

तभी यह अरमान जाग्रत हुए  

हम सब कर सकते हैं |

आशा सक्सेना 

2 टिप्‍पणियां:

  1. बिलकुल ! आत्मविश्वास होना चाहिए और हौसला कभी डगमगाना नहीं चाहिए हम सब कर सकते हैं !

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