16 अगस्त, 2022

माया जाग्रत हुई

 आज के युग में

 इसी दुनिया में 

हमने संसार से बहुत कुछ सीखा 

छल छिद् से  न  बच पाए 

ना ही कुछ सीखा 

ना ही कुछ बन पाए |

माया नगरी में ऐसे फंसे  

कदम तक उखड़ गए 

बहुत खोजना चाहा 

 राह में ऐसे भटके

 सोचा क्यूँ न जल मार्ग से 

मार्ग पार कर लूँगा सहज ही 

पर मझधार में नैया

 हिचकोले लेने लगी 

हम मार्ग में भटके |

प्रभु से की प्रार्थना 

हे परमात्मा हमें 

सद मार्ग की शिक्षा देना 

जिससे खुद सही मार्ग को चुने 

 ईश्वर को कभी न भूलें 

यही सब को दे सलाह

 सद मार्ग पर चलें |

आशा सक्सेना 


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