सागर में सीपी
सीपी में मोती
मोती में आभा अद्भुद
छिपी अन्दर है |
है नायाब मोती
बहुत मुश्किल से
मिलता है
इसकी कांति कभी
कम नहीं होती |
स्त्री के चेहरे पर तेज
की तुलना की जाती
इसके तेज से अक्सर |
उसकी पवित्रता
तोली जाती है
मोती की चमक से |
सच्चा मोती होता
वेशकीमती अनमोल
आसानी से उपलब्ध
नहीं होता
उसकी चमक न
फीकी होती
तभी तुलना होती
उसकी आभा की स्त्रियों के
मुख मंडल की आभा से |
आशा सक्सेना
भावपूर्ण सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत खूब
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंअनमोल मोती की अनुपम आभा ! बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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