आज रात गहन अन्धकार अमावस का
घर घर दीप जले देहरी रौशन
करने को
लक्ष्मी देवी के पूजन करने
को
घर का कौना कौना चमकाने को
|
दीपावली मनाई इस दिन
बहुत उत्साह से
मीठे मीठे पकवान बनाए जाते
देवी की अर्चना के बाद
फिर सब मिठाई बाँट कर खाते हैं |
स्नेह से छोटे पैर छूते बड़ों के और आशीर्वाद
लेते उनसे |
यही त्यौहार दीपावली का मनाया
जाता
मन के अन्दर के भावों से
देवी लक्ष्मीं जिस से प्रभावित होतीं
आशीर्वाद भर झोली देतीं अपने भक्तों को |
देवी प्रसन्न हो गोदी भर
अन्न धन
दौलत देतीं अपने भक्तों को
भक्ति का वरदान
देतीं दिल भर कर
भक्तों का मन जीत लेतीं
अपने प्रभाव से |
हर वर्ष इसे मनाया जाता
दीपावली के रूप में
खुशियाँ मिल कर बांटी जाती
मिष्ठानों के रूप में
बचपन में खूब चलाए जाते
फटाके राह दिखाते
आने वाली देवी को घर के सभी
लोग उपासक
हो जाते पूरे समर्पण भाव से
|
आशा सक्सेना
बहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंदीपावली की शुभ कामनाएं |मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शब्द चित्र दीपोत्सव का ! सुन्दर सार्थक सृजन ! दीपावली की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !
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