25 अक्तूबर, 2022

सरोवर

 


 

 


हमारे ग्राम में एक छोटा सरोवर
है जल से लबालव
कभी जल सूखता नहीं उसका
वर्ष भर जल की कमी न होय वहां पर|
रोज जल भरने आतीं गांव की गोरी 
हँसी खुशी से भर जातीं पूरी वादी
वहां पर एक पवन का झोका आता
साथ अपने ले जाता लहरें वहां की 
मन को उद्द्वेलित कर जाता 

दृश्य बड़ा मनोरम होता वहां जाने का मनोरथ |

आशा सक्सेना 


10 टिप्‍पणियां:



  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 26 अक्टूबर 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
    >>>>>>><<<<<<<
    पुन: भेंट होगी..

    जवाब देंहटाएं
  2. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार 27 अक्टूबर 2022 को 'अपनी रक्षा का बहन, माँग रही उपहार' (चर्चा अंक 4593) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 2:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    जवाब देंहटाएं
  3. आभार आपका मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: