12 नवंबर, 2022

जीवन बहुत छोटा सा


                                             आधे से अघिक से जीवन बीता
                                     अधिक ही समय बीता नियोजित कार्य करने में 

 जिनको पूरा  करने का वादा लिया  खुद से |

पर ऐसा न हुआ वे पूर्ण न हो पाए 

समय बीता इतनी जल्दी से 

उसे पकड़ न पाए 

हाथों से फिसली हो रेत  जैसे |

झूठे वादे मुझे नहीं आते 

जो वादाखिलाफी से  मुझे बहकाते 

 रंगीन  रातों के स्वप्न दिखाते  

प्रातः के होते ही सूर्य रश्मियाँ 

अटखेलियाँ करतीं  हरे भरे  वृक्षों  से |

यदि उन कार्यों में मैं भी खो जाती 

अपने वादे  कैसे पूरे कर पाती 

हूँ कैसी अब भी समझ में न आया 

फिर कम से कम वादों की पूर्ती का वादा लिया 

जिससे मन को वादा  अपूर्ण

 रहने का कष्ट न हो 

जीवन का शेष समय जो  बचा है 

हाथ में वादा पूर्ति में पूरा  हो |

कर्तव्य करने के बाद मैं 

मुक्ति मार्ग पर चल पाऊँ 

उन कार्यों का हाथ समय के साथ मिला पाऊँ

  हींन भावना का शिकार न होना पड़े 

अपना आत्म विश्वास फिर से पाऊँ 

अपने मन की संतुष्टि पूर्ण कर पाऊँ |

आशा सक्सेना 


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