02 दिसंबर, 2022

कब क्या कैसे कितने


 

कब तक कहाँ कैसे कितने

इतने  सारे शब्द हैं जिन से

प्रारम्भ किया जा सकता है

 स्रोत  अभिलाशा का  |

जिस से जब भी पूंछा जाता

यह प्रयोग कैसा लगा

वह  थोड़ा सा मुस्कुरा देता

फिर अपना अभिमत देता |

अरे भाई सब से क्या पूंछना

जो भी लिखो दिल से लिखो

कभी पसंद न आने पर

उसे भूल जाओ सदा के लिए |

जब भूलना न चाहो

 बार बार प्रयत्न करो 

कभी तो सफलता मिलेगी  

असफलता से भय कैसा |

यही तो कुंजी है सफलता की

मनोरथ को तरजीह दो

इसी से साहस आएगा

वही  होगा  सही गलत का फैसला  |

जितनी भी कोशिश करोगे

सफलता तक पहुंचोगे

चाहे समय कितना भी लगे

कभी हार न मानोंगे |

यही प्रतिफल होगा तुम्हारे यत्नों का 

जब किसी को अपनी रचना सुनाओगे

वाह वाह की गूँज उठेगी

तुम्हें लगेगा तुमसा कोई नहीं |

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