22 दिसंबर, 2022

हमारा कोजी

 


 प्यारे से ये मूक प्राणी 

सुख दुःख को समझते

बोल नहीं पाते फिर भी

पास आते अपना प्यार दर्शाते |

किसी के दुःख में हो दुखी 

 भोजन तक छोड़ देते

पर खुशी में आसपास घूमते रहते |

अपनी अदाओं से 

मन मोहने की कोशिश करते 

अपना स्थान घर में सुरक्षित रखते |

अपनी हरकतों से ध्यान आकृष्ट करते 

वे रूठना मनाना भी जानते 

अपनी आवाजों से इसे व्यक्त करते |  

हर आहट पर अपनी प्रतिक्रया देते

जैसे ही द्वार  खुलता

वहां पहुँच आने वाले का स्वागत करते

सूघ कर जान जाते

है कोई नया व्यक्ति  या नहीं |

जब कोई काम करने आता 

उसकी निगरानी करना  

अपना कर्तव्य समझते 

जब तक वह  चला न जाए

वही डटे रहते 

मानो वे है निरीक्षक उनके |

 हैं समय के पावंद 

किसी के आने की प्रतीक्षा में 

दरवाज़े पर जा बैठते जब तक वह  न आजाए 

राह देखते वही आने वाले मालिक की |

 यदि आकर  वह प्यार करना भूल जाए   

अपनी भाषा में खुद की  नाराजगी प्रकट करते  |

 उनके काम में हो देर यह पसंद नहीं उनको 

हैं समय के पावंद सब काम समय पर करते 

कितनी गुण गिनाऊँ उनके शब्द ही नहीं मिलते |

अपने अधिकार  भी खूब जानते 

अपनी कोई वस्तु किसी से नहीं बांटते 

 उन के जैसा कोई स्नेही नही 

हमारा कोजी है उन में से एक |

3 टिप्‍पणियां:

  1. आपका कोजी बेहद खूबसूरत भी है और समझदार भी ! सच है जैसा निश्छल और शुद्ध प्यार ये मूक प्राणी बिना किसी अपेक्षा के हमसे करते हैं ऐसा अन्य कोई नहीं कर सकता ! कोजी को बहुत प्यार !

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  2. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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