१-जब देखती
उसी को निहारती
मन खुश है
२-सुख या दुःख
जीवन के पहलू
दौनों यहीं हैं
३-गम मन को
कभी शोभा न देता
ठीक नहीं है
४-गुनगुनाया
मन खुश हुआ है
झरना देख
५-मन का बोझ
कुछ कम तो होता
यदि जानता
६-रीता है मन
कुछ सोचा नहीं है
नैना छलके
आशा सक्सेना
सुन्दर हाइकु !
धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
बहुत ही सुन्दर हाइकु
Thanks for the comment
सुंदर ।
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सुन्दर हाइकु !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हाइकु
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंसुंदर ।
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
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