09 फ़रवरी, 2023

मेरी भूल


 


                                                    मेरे भोलेपन ने मुझे धोखे में रखा

प्रगति पथ का गंतव्य मुझे  छूने न दिया

सही  सलाह न दी मुझको 

अपनी मनमानी की मैंने 

किसी का कहा माना नहीं

अपने को सक्षम जाना 

 यही समझने की भूल की मैंने

अपने गंतव्य से बहुत पीछे रही मैं  |

यह देख मुझे बहुत पीड़ा हुई

सोचा क्या भूल हुई मुझसे

सब ने मना किया था

पर मन मानी की मैंने |

किसी कथन की नब्ज न देखी

यदि देखती जान लिया होता

 कि रोग क्या है उसका इलाज क्या है

यही भूल मुझसे हुई |

अब पछताने से क्या लाभ

अपनी भूल का संताप तो सहना होगा

अब ऐसी कोई भूल न हो

खुद से वादा लेना होगा |

समय को हाथों से न फिसलने दूंगी

है वह  बहुत कीमती लौट कर न आएगा  

अपनी भूल समझकर 

आगे कदम बढ़ाना होगा

किसी ने यदि दी सलाह 

 उसका मनन भी करना होगा |

अपना अहम् छोड़ कर

 मनमानी को त्यागकर 

 उसकी बात पर भी ध्यान देना

कोई अपना  गलत सलाह नहीं देगा

अपनी भूल सुधार कर 

         आगे जाना होगा |       

आशा सक्सेना*      *      *      

2 टिप्‍पणियां:

  1. आत्म चितन और आत्म मंथन से बड़ा कोई मित्र नहीं ! यही सदैव सही रास्ता दिखाते हैं !

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  2. धन्यवाद साधना साधना टिप्पणी के लिए |

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