03 अप्रैल, 2023

भ्रमर

 





एक बगीचे में भ्रमर और तितलिया

साथ साथ रहते थे

 दौनों की थी मित्रता घनिष्ट

वहा के पुष्पों से |

पर भ्रमर  का मन चंचल

फूलों पर केवल अपना ही

अधिकार समझता

तभी जब नज़दीक उसके  पुष्पों खिलते

वह फूल  पर  बैठ प्यार जताता |

मन भरते ही

एक पुष्प  से दूसरे  पर उड़ जाता

संतुष्ट उसका मन होता

 यही उसका गुंजन दिखाता |

पर तितलियाँ कुछ

अलग सा  व्यवहार करतीं

पुष्प गंघ का आनंद लेतीं

फिर दूसरे पर उड़ जातीं |

तितली  रंगीन पुष्प भी रंगीन

बाग़ में जब उड़तीं

बच्चों को बहुत आकर्षित करतीं

बच्चे घर जाना ही नहीं चाहते |



आशा सक्सेना

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