10 अप्रैल, 2023

हाँ हाँ ना ना की उलझन

 



हाँ हाँ ना ना में कितना समय बीता

तुमने ज़रा भी ध्यान ना  दिया

मैं सोचता रहा यही कि 

 कभी तो हाँ में उत्तर आएगा |

मैंने पूरा  प्रयास किया  है 

निराशा हाथ ना आएगी

है विश्वास मुझे अपने पर

 जो चाहता हूँ मिल जाता है |

 जब भी हार के कगार पर रहूँगा

किसी की सलाह को मान दूँगा 

यह तो जान लिया है

 अवसर नहीं गवाऊंगा |

यदि तुमने जल्दी 

 कोई निर्णय ना  लिया

 पछताती रह जाओगी  

यदि सही चुनाव ना कर पाईं |

मेरे लिए हो तुम विशेष

 यही मैं खुल कर कह ना सका

अधर में लटका रहा

हाँ हाँ ना ना में उलझा रहा  |

मेरे ख्याल से तुम भी हो सही सलाह की हो हक़दार   

 समय बर्बाद करो गी यह ना जानता था

क्यूँ मुझे अटका रखा  है

 तुम्हारे उत्तर की प्रतीक्षा है |

हाँ  ,ना  कब तक करती रहोगी

निष्कर्ष पर ना  पहुँची  यदि

समय हाथों से फिसल जाएगा

 कुछ भी हाथ ना आएगा   |

आशा सक्सेना 

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