11 अप्रैल, 2023

बदलता मौसम



जिस दिन धूप ना निकले  

बड़ा अजीब सा लगता है   

सुबह से ही बादल छाए हैं

                              झिमिर झिमिर जल कब बरसे गा  |                                                        कब  मन को राहत देगा                                       दिन भर धूप ना निकलना

जल बरसाने का इरादा होना

मन को बेचैन करता है |

जब मौसम बरसात का होता

 उमढ घुमड़ कर बादल आते

आपस में टकराते बिजली कड़कड़ाती 

फिर बूंदों का टपकना देखा

 बड़ा ही आनंद आया  |

बे मौसम बरसने से जल के     

फसल  खराब हो जाती  है

 तब मन को बहुत

 चोट लगती है |

दिल सोचता है

 कैसे मौसम सुधरेगा

आए दिन फ़सलों का बिगड़ना देख

मन को बहुत दुःख होता है |

हम कितने दिन प्रकृति के नखरे सहेगे

 उसके बदलते  रंग देखेंगे

कुछ मानव ने संतुलन बर्वाद किया है

कुछ प्रकृति ने की नाइंसाफी है  |

आशा सक्सेना  

 

2 टिप्‍पणियां:

  1. बेमौसम बरसात से फसल नष्ट होती है लेकिन यही बरसात अगर समय पर न हो तो उस वजह से भी फसल खराब हो जाती है ! सही वक्त पर समुचित मात्रा में बरसात का होना ही फसल के लिए श्रेयस्कर होता है !

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  2. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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