मुझे अटल विश्वास है खुद पर
मैं सब कर सकता हूँ
अपाहिज हूँ पर इतना भी नहीं
कि कुछ ना कर पाऊँ |
गोपाल जी पर भरोसा है मेरा
संबल कोई और सहारा कोई ना मुझे
जिस दिन कुछ कर ना पाउंगा
जीवन की आस ना रहेगी मुझ को |
ईश्वर की साधना में मन को लगा कर
खुद को व्यस्त रखने का प्रयत्न करूँगा
मुझे नही किसी की आवश्यकता
अपने पर ही विश्वास रखूंगा
किसी को कुछ ना कहू गा
अब कोई नहीं समस्या है |
आशा सक्सेना
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार (13-4-23} को ज़िंदगी इक सफ़र है सुहाना" (चर्चा अंक 4654)" पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
धन्यवाद कामिनी जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
हटाएंबहुत बढ़िया रचना ! स्वयं पर विश्वास होना सबसे बड़ी ताकत है ! सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
हटाएंधन्यवाद रविन्द्र जी मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
जवाब देंहटाएंभगवान भी उनकी सहायता करते हैं जो अपनी सहायता स्वयं करते हैं
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंमुझे नही किसी की आवश्यकता
जवाब देंहटाएंअपने पर ही आधारित रहूँगा
किसी को कुछ ना कहूं ,
सुंदर अभिव्यक्ति ।
सुप्रभात |धन्यवाद दीपक जी टिप्पणी के लिये |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
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