14 अप्रैल, 2023

है यही उपलब्धि मेरी

 




सुगंध आए ना  आए

मन पर एक तस्वीर आए ना आए  

पर मस्तिष्क  मैं उसकी अभिन्न छवि रहती है

नहीं मालूम जाने क्या क्या कहती है |

मुझे कभी यह भी ना लगा क्या गलत किया मैंने 

अभी तक किसी ने जब कुछ  कहा

मैंने ठीक से समझा

और आसपास सब को  समझाया |

तब ही संतुष्टि हुई मुझ को

मैंने कुछ विशेष नहीं किया है

अपना कर्तव्य ही  किया है |

हम हैं भारत के निवासी

देश के प्रति कोई कर्तव्य है हमारा

जिसे पूर्ण करना है

कभी पीछे नहीं हटाना है

अपने घर की भी अभिलाशा रही मेरे मन में

उसे दूसरा नम्बर दिया है मैंने

बाक़ी सब बाद में करना है  

  यही  उपलब्धि  है मेरी |

आशा सक्सेना

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