घर की दीवार पर
वह कांव कांव करता सूचना देता
किसी महमान के आने की |
ऎसी ही कोयल होती काली
पर मीठी तान सुनाती
सब का मन मोह लेती
पर बैठती उसी डाली पर
जहां उसका घोंसला होता |
जब चूजे होने वाले होते
कागा के घोंसले पर कब्जा करती
कोयल चालाक कागा से अधिक
बच्चे उसके भी पल जाते
कागा के बच्चों के संग |
कागा जान ना पाता
चालाकी कोयल की
जब उड़ने जैसे चूजे हो जाते
पंख निकलते ही एक दिन उड़ जाते
घरों दा खाली कर जाते |
कोयल चालाक कागा से अधिक
बच्चे उसके भी पल जाते
कागा के बच्चों के संग |
कागा जान ना पाता चालाकी कोयल की
जब उड़ने जैसे चूजे हो जाते
एक दिन उड़ जाते
घरोंदा खाली कर जाते |
आशा सक्सेना
गहन और भावपूर्ण भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंकागा नाहक ही बदनाम है ! वह तो मन का भोला है और कोयल तक से छला जाता है !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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