19 अप्रैल, 2023

जब मैंने तुम्हें पुकारा



 

जब मैंने तुम्हें पुकारा

तुमने मुझे नजर अंदाज किया

यह तक भूले मैं भी तो लाइन में खड़ी हूँ

तुमसे भेट के  लिए |

 मन को ठेस लगी

पर जान लिया कोई स्थान नहीं  

मेरा  तुम्हारे लिए घर में  

मैं तो खोज रही हूँ तुमको

जानने  के लिए कि तुम कौन हो मेरे

मेरे अपने या कोई गैर

जब यह जान जाऊंगी तुम कौण मेरे  

 तुम्हारे घर में कदम रखूंगी  

इससे पहले पूरी पड़ताल करूगी  

या किसी से सलाह लूगी

 जब संतुष्टि हो जाएगी

अपने कदम आगे बढाऊंगी

अब कोई भूल नहीं करूंगी |

पर सोचती हूँ कहीं समय

ना  निकल जाए हाथो से

 केवल रेत ही रह जाएगी

रिक्त हाथों में |

आशा सक्सेना 


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