24 अप्रैल, 2023

मेरा सफल होने का राज



                                                 जब  कदम उठाए थे

विशिष्ट कार्य करने के लिए 

कभी जल्दबाजी का नाम

 ना था मेरे पास | 

पर जांच कैसे हुई अनुभव की

मैंने कभी ध्यान ना दिया 

मैं अपने आप में व्यस्त रही

किसी से कोई सलाह ना ली |

शायद यही गलती की मैंने    

कितना कब किस ने कहा

मन को ठेस लगी मेरे

जब रोका टोकी किसी ने की |

यही मेरे मन में आया

दिन रात आत्म मंथन किया 

फिर भी सोचा कहाँ गलत किया मैंने  |

यूँ तो बहुत सोच कर ही कदम उठाए 

कभी जल्दबाजी का नाम ना था मेरे पास  

 जांच कैसे हुई कार्य क्षमता की 

ध्यान ना  दिया किसी ने |

मैं अपने आप में व्यस्त रही

किसी से कोई सलाह ना ली मैंने

शायद यही गलती की मैंने 

किसी का ज्ञान देखा  ना जाना |

जानने  की कोशिश भी ना की 

किसी के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए 

 किसी डिग्री का मोहताज होना नहीं चाहिए 

जिससे अनुभाव का पूरा लाभ लिया जा सके 

उम्र का बढ़ना जरूरी नहीं  

 वह सभी कार्य करने में सक्षम हो 

उसे महारत हांसिल हो किसी कार्य विशेष में  |  

दिल पर नियंत्रण रखा

 फिर उस कार्य को सीखा 

सही अनुभव से सीखने का 

आनंद ही कुछ और है | 

सफलता के पायदान पर चढ़ कर 

बड़ा  सुकून मिला मुझ को |

आशा सक्सेना 

  



4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (27-04-2023) को   "सारे जग को रौशनी, देता है आदित्य" (चर्चा अंक 4659)  पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सुप्रभात रूप चन्द्र शास्त्री जी आभार आपका आज के अंक में मेरी रचना को स्थान देने के लिए

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  3. सही कहा अनुभवी से ज्ञान लेना भी महत्व रखता है ।

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  4. आत्मविश्वास से भरपूर सशक्त रचना !

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