01 जून, 2023

ऊंची उड़ान कविता की भरी

 भरी उड़ान पूरी क्षमता से 

किसी की कोई मदद ना चाही 

जब उच्चतम स्तरपहुंची 

ख़ुशी मिली हम को |   

छाछ पी ली फूँक फूँक कर 

चाहे दूध ठंडा  ही रहा 

कल्पना में इसे उबाला है 

जब कि यूँ तो ना  आ रहा ख्याल मेरा |

यहीहै  जिन्दगी का दोहरा रंग 

जिससे बच  कर चली हूँ 

पतंग उड़ाना भी एक कला है 

यह तह भूली नहीं हूँ |

किसी नव गीत का सम्मान किया 

अपने बुद्धि के कौशल से 

या कोई नई विधा से कुछ सीखा है |

नई  विधा पर कुछ लिखना 

उस पर अपनी कलम चलाना 

अपनी ही कोशिश से |

सफलता ने दुलारा हैमुझको  

बहुत आशीष दिया है 

हूँ आज जिस स्थान पर खड़ी

वह नवाजा गया है मुझे 

सम्मान किया गया है |

आशा सक्सेना 

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