29 जून, 2023

कब जानना चाहा

 

कब जानना चाहा 

तुम्हारे मन में क्या है

यदि बता दिया होता

तुम्हारी सलाह में कुछ तो  दम होता  |

सारी दुनिया से अलग थलग रह

अपनी दुनिया को बसाया यहाँ

क्या यही बात तुमको ना भाई

कि मैंने भी दिखावा किया |

यह सच नहीं है

दिखावे का कोई रोल नहीं यहाँ

हर व्यक्ति के वास्तविक जीवन में

जब खोज पूरी हुई रंगीन जीवन हुआ |

मन को सुकून आया

 महक में इसकी डूब कर |

, खुशी का कोई मोल नहीं है

वह है  अनमोल

बड़े कष्ट से पाया है मैंने

अब तक सम्हाल कर रखा इसे

यही है मेरी संचित पूंजी  

सब ने खुशबू को दूर से पहचाना है|

आशा सक्सेना

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