जीवन कविता लिखने से नहीं चलता
कविता खाने को नहीं देती
जीवन व्यापन के लिए भी
होता आवश्यक कुछ काम करना
दौनों की आवश्यकता होती है बराबरी से |
अपनी स्थान की जरूरत कभी ना मिली
किसी ने जब खोजा किसी एक विधा को
उसकी कविता के लिए
हो जाती है राह एक सुनिश्चित
उसका जब दिखता नजारा मन बल्लियों उछलता
पर जीवन की रफ्तार वहीं ठहरने लगती |
दौनों की आवश्यकता जरूरी है
एक से पूरा नहीं पड़ता जीवन के लिए
एक है मनोरंजन के लिए
दूसरी है जरूरी जीवन व्यापन के लिए
जिसने महत्व दौनों का समझा
और समय का सदुपयोग किया
सही नियोजन किया समझदारी से
वही सफल हुआ अपने जीवन में |
आशा सक्सेना
साधु साधु
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अरुण जी
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंसुन्दर सन्देश देती बहुत बढ़िया रचना !
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