09 जून, 2023

सरस्वती वन्दना


 

नमन तुम्हें हे मां भारती 

आए हैं तुम्हारे दर पर 

अपनी आस लिए 

मेरी आस पूरी करो माता |

यही  एक इच्छा है मन में 

किसी के आगे शीश ना झुकाएं

केवल तुम्हारे सिवाय कमलासनी 

 जब आएं कोई अरदास लेकर |

जीवन की कठिनाइयां

दिखती हैं सब को

 सुख की छाया कभी कभी 

दुःख में याद तुम्हें करें |

मुझे यह सही नहीं लगता 

जब दुःख में याद करें

 सुख में पीछे ना हटें 

जब तुम्हारी कृपा होगी सर पर 

मधुर गीतों का गुंजन होगा जीवन भर 

यही सुख मिलेगा सर्वश्रेष्ठ |

नमन तुम्हें हे हंस वाहिनी 

अपने वरद  हस्त 

सदा रखना मेरे शीश पर 

सदा तेरे गुण  गान करें 

|होतुम विद्द्या की देवी 

इस गुण से  हमें नवाजो मां

नमन तुम्हें हे ज्ञान दायनी 

मेरी कामना पूर्ण करो माँ

मेरा कष्ट दूर करों माँ |

आशा सक्सेना 











 -=098&65

1 टिप्पणी:

  1. बहुत सुन्दर वन्दना ! माँ शारदे का वरद हस्त सदैव सर पर रहे यही कामना है !

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