सदा उसके ही रहोगे
उसका एक ही अरमां रहां
तुम से जुड़े रहने का
उसमें भी जब बाधा आई
वह सह नहीं सकी
उस पर विपरीत प्रभाव पडा
मन में बगावत आयी
लोगों ने भांप लिया
उसके मन में क्या है
समझाया उपाय
बताए अनेक upaay
पर जब तुमने उड़े
आश्वासन दिया
उसको मन को सान्त्व्ना मिली
उसके
फिर भी
वह आशान्वित ही रही
यही एक जिद ठानी
जब तुम तक पहुंची
अभिलाषा पूर्ण हुई
सबको डंके की चोट पर
कहा
है वह तुम्हारी तुम उसके हो
और नहीं है दौनों के बीच |
दूसरा ना कोई हैं |
आशा सक्सेना
अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार ज़ी
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर !
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