समय चक्र ने धोखा दिया
मौसम ने साथ ना दिया, फसलें बिगड़ी
आंधी तूफान ने भी झटका दिया
दी आर्थिक हानि बिना जाने |
क्या सभी अमीर होते हैं
जाने कितनी कठिनाई सह कर
अपने सपनों का बनाते हैं घर
कई वृक्ष तूफान में धराशाही हुए
लहरों के संग बह गए |
जब जागे अखवार पढ़ा
पहला ही भरा पड़ा था पेज
ऐसे ही समाचार से मन को झटका लगा
चाय पीने का भी मन ना हुआ |
गहरे भाव मन में उठे चोट गहरी मन को लगी
अखबार के पेज दूसरे पर हिन्सा की दूकान लगी
घरेलू हिंसा भी कम ना लिखी
आम जन आर्थिक तंगी से भी हुआ बेचैन
मन को चोट लगी यह सब देख |
आशा सक्सेना
आजकल समाचार पत्रों में ऐसे ही समाचार अधिक आते हैं ! अखबार पढ़ कर मन दुखी ही होता है !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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