22 जून, 2023

सारा जीवन बीत रहा

 

सारा जीवन बीत रहा

 पर संतोष ना  मिला कहीं भी

जीवन एक किराए की झोंपड़ी

मन को आराम मिला ना मिला |

कविता लिखने से मन उचटा

ना कोई नये शब्दों का काफिला मिला

चलता रहा आगे आगे

ना किसी ने रोका टोका नाहीकोई ने इनकार किया |

चलने लगा दीवानगी की राह पर

बिना सही मार्ग खोजे

लोगों ने दीवाना समझा

पर तुमने मुझे क्या समझा

यह आज तक तक ना बताया  |

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