01 जुलाई, 2023

कुछ नया दिखता



 हर रात  कुछ नया दिखता

कौन है जिम्मेदार उसका

हम तुम के झंझट में

 बातों का अखाड़ा दिखता |

किसी ने दो बोल मीठे तो बोले होते

हम निहाल हो जाते उस पर

कभी ना उलझने की कसम खाते

प्यार से रहने का वादा करते |

सपने दिन में ना आते

आधी रात में ना जागते

चोंक कर ना उठते

शांती से सोते जागते |

एक कल्पना यही की होती

तुम हो मेरे पास जज्बातों से भरी

यही है मेरे मन में

यहीं कहीं तो तुम हो मेरे पास  |

आशा 

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