11 अक्तूबर, 2023

रूप सुन्दरी

 काले कजरारे आकर्षक नैनों वाली 

बोलती निगाहें तेरी चिलमन से झाँक कर 

इसी  एक अदा पर रीझे हम 

किसी से बचा कर नयनों से बातें करते हम |

कोई भांप ना सका  इन  बातों को 

हम दौनों के सिवाय 

तुमने बड़ी अकाल लगाई  इस वार्तालाप में 

हलके से झाँक कर देखा इशारों से समझाया 

मिलने का ठिकाना बताया 

हुई सफल अपनी योजना में 

किसी का ध्यान ना गया

 काले कुंतल अपने को रोक ना  सके झांके बिना 

हुई सफल हम दौनों की योजना 

|तुम्हारा रूप मेरा आकर्षण जग जाहिर ना हो पाया |


आशा सक्सेना 

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