यूँ तो आज किसी का कोई नहीं है
तुम समझो या ना समझो
किसी को अपने व्यवहार से
अपनाया भी जा सकता है |
तुम जानों या ना जानो
अपने झुकने से विनम्ब्र होने से
किसी को ख़ुशी मिले यदि
इससे बड़ी बात क्या होगी |
हमने तो एक ही बात
सीखी है अपने बड़ों से
गैरों को अपनाने से
गले लगाने से
बड़ी संतुष्टि मिलती है |
अपना होने की कला सब नहीं जानते
जो ख़ुशी मिलती है यदि बांटी जाए
और किसी को संतुष्टि मिले
तब विनम्रता से हानि नहीं होती |
दो बोल मीठे यदि बोले जाएं
मन में ख़ुशी छा जाती है
वही अपना हो जाता है
अपने करीब आ जाता है|
बस हमें और क्या चाहिए
अपने सब नजदीक चाहिए
वही है अपना जो हमारा
सुख दुःख समझे |
हमारा होने का एहसास कराए
दिल से हमारा हो जाए
सच्चा मित्र रहे कभी ना बदले
कठिन समय होने पर काम आए |
आशा सक्सेबा
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