21 नवंबर, 2023

मन मयूर

 


मन मयूर नृत्य करता हो कर  तन्मय

कोई खुशी मन में ना रहे शेष

यही दुआ करता प्रभु से

खुद नाचता झूम झूम प्रकृति में |

तब कोई उदास दिखाई ना देता

पर जब वह अपने पैर देखता

अश्रु जल अपने आप

 उसके नयनों से छलकता  |

यह आंसू ही मोहते मोरनी को

वह  खिची चली आती उसकी ओर

दौनोंएक साथ नृत्य करते

समा रंगीन हो जाता |

आशा सक्सेना 

6 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद रूपा जी टिप्पणी के लिए |

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 20 दिसंबर 2023 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
    >>>>>>><<<<<<<

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