28 नवंबर, 2023

मकान आत्मा का


यह काया  है मकान आत्मा की

है  सुन्दर अंतह  पुर इसका

वाह्य आवरण प्यारा सा  इसका

लोगों को ईर्ष्या  होती इसका रूप देख  |

जब झाँक कर देखा इसके अन्दर

और अधिक आकर्षक लगा वहां

यही आकर्षण आया ऐसा

 घर छोड़ने का मन न हुआ |

एक समय ऐसा आया तन थका मन हारा  

 पुराना  घर छोड़ने का मन बनाया

ईश्वर से की प्रार्थना देह छोडी

निकला नए घर की तलाश में |

जैसे ही नया धर मन के लायक मिला

फिर नया घर  देखा पसंद लिया

पहुंचने की तैयारी की अब यादें ही बाक़ी रहीं

आत्मा कभी परमात्मा से मिली नया घर पसंद नहीं आया |

आशा सक्सेना

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