यह कैसी जिन्दगी
कुछ नया नहीं
फैला -चारो ओर अन्धेरा
जीवन में खुशी नहीं |
फैला हुआ दुखी जीवन
उजड़ा हुआ सारा जीवन
किसी काम का नहीं
खुशहाल छोटा सा जीवन हो
इसी की राह देखती है |
सपने सजाती है इसके
कठिनाई से रहती है दूर्
प्यार के बहुत नजदीक
प्यार पशु पक्षियों से करती |
अपने बच्चों को भी यही सिखाती
प्यार प्रेम को गले लगाओ
दुनिया में सफल होजाओ
सब के प्रिय होते जाओ |
आशा सक्सेना
अत्यंत सुंदर
जवाब देंहटाएंThank you for the coment
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद हरीश जी टिप्पणी के लिए |
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