सारा दिन बीत गया
तेरे इंतज़ार में
कभी इस तरह
कोई न पड़े प्यार में |
दिन से गए दीन से गए
हाथ न आया कुछ भी
ऐसे खोए ख्यालों में
जीना हुआ मुहाल अब तो |
बहुत आकर्षक लगता है
स्वप्नों में खोए रहना
रात
भर जाग कर
केवल तारे गिनना |
यह गिनती कभी
क्षय
नहीं होती
समय के साथ
हमारी रेस होती |
आनंद इसमें भी
है अंदाज
अनोखा
जब तक जी राहे हैं
रहता इंतज़ार तेरा |
आशा