कभी सोचा न था असफलता हाथ लगेगी
आशाओं को तार तार करेगी
हार से दो चार हाथ होंगे |
मनोबल टूट कर बिखर जाएगा
सुनामी का कहर आएगा
नयनों का जल अविराम बहता जाएगा |
पर अचानक अश्रु थम गए
मन में कहीं दृढता जागी
मन को एकाग्र किया
अपनी गलतियों का मंथन किया |
तभी सही मार्ग दिखाई दिया
सफलता पाने का अवसर पाया
पीछे कदम न लौटेंगे अब
दृढ
संकल्प मन में किया |
दिन रात की महानत रंग लाई
आशा की किरण नजर आई
आगे बढे कदम फिर लौट न पाए
फल
मीठा पास आने लगा |
हुई प्रसन्न सफलता पाने से
आकांक्षा बढ़ी तीव्र गति से
और और की इच्छा जागी
सही मार्ग चुनने से |
जूनून सफलता का ऐसा चढ़ा
नया
कुछ करने का जोश जगा
छोड़ कर आलस्य हुई सक्रीय फिर से
विश्वास भरे मन से |
दृढ
निश्चय लगन आशा अभिलाषा
प्रवल आकांक्षा की सीडी चढ़ कर
सही मार्ग चुन कर हारी नहीं
परचम फैलाया अपनी सफलता पर |
आशा