किसी से कम नहीं हैं हम
जब बात झूठी शान की हो
दूर रहते सारे झमेलों से हम
है नाज हमें अपने विचारों पर
यदि कोई पैमाना हो नाप का
जो चाहे नाप ले
खरे हैं खरे थे खरे रहेंगे हम
किसी से कम नहीं हैं हम
आन बान जन्म जात कमाई है
किसी से उधार नहीं ली है
इसी लिए सर नहीं झुकाते हम
घमंडी नहीं है हम
जब आन पर आते हैं
अटल हो जाते हैं हम |
आशा