यहां
आओ पास बैठो हम उन यादों में खो जाएं
वे
गीत गुनगुनाएं जो कभी गाया करते थे
उन्हें
रचते थे एक दुसरे को सुनाया करते थे
मुझसे
कहीं दूर न जा सकोगे
अटूट
प्यार के बंधन को यूं ठुकरा न सकोगे
कैसे
भुला पाओगे
जब
भी यह मौसम आएगा उन यादों को साथ लाएगा
बार
बार वहीँ ले जाएगा
जहां
कभी हम मिलते थे अपनी रचनाएं गाते थे
कई
धुनें बनाते थे
जब
भी आँखें बंद करोगे याद आएंगे वे लम्हें
आखें
नम हो जाएगीं
उन्हें
विदा ना कर पाओगे
ऐसा
कुछ भी तो नहीं था जिसे सच समझ बैठे
कुछ
ऐसा कर गए
जिसे
सोचना भी कठिन था
अब
सीख लिया है वह चर्चा कभी ना हो
जो
दिल में चुभ जाए
घाव
कर जाए हमें दुखी कर जाए
कभी
लव पर वे बातें नहीं आएंगी
गैरों
के समक्ष चर्चा का विषय ना बन पाएंगी
चिंता
नहीं है कि लोग क्या कहेंगे
पर
बंधन यदि टूटा
मुझे
मिटा कर रख देगा जीवन वीरान कर देगा
है
मेरी इच्छा बस इतनी
हम
दौनों फिर से गीत लिखें पहले से प्यार मैं खो जाएं
मेरी अधूरी
चाह छोड़
तुम
कहीं भी ना जा सकोगे
यदि
भूले से हुआ ऐसा मुझे कभी ना पा सकोगे
फिर
एकाकी कैसे रह पाओगे |
आशा