घुंघराले केश ,कशिश आँखों में
है वह कौन
जो अक्सर दिखाई देता है
किसी ना किसी आयोजन में
अनजाना लगता है
पर रहता विशिष्ट हर महफिल में |
उसकी सूरत ,मधुर आवाज और सीरत
करते आकर्षित उस ओर
उसे महत्त्व मिलता है हर सम्मलेन में |
वह गायन से या वायलिन वादन से
जलवे बिखेरता हर महफिल में
कुछ ऐसी छाप छोडता है
कमीं न होती प्रशंसकों की |
तालियों का सिलसिला जब भी चलता
दुगुना उत्साह उसमें भरता
है वह एक कलाकार उस बैंड का
जो आये दिन बुलाया जाता है
किसी न किसी आयोजन में
है वह जन्म जात कलाकार
पा कर आया है आशीष
माँ शारदे के कर कमलों का |
आशा
है वह कौन
जो अक्सर दिखाई देता है
किसी ना किसी आयोजन में
अनजाना लगता है
पर रहता विशिष्ट हर महफिल में |
उसकी सूरत ,मधुर आवाज और सीरत
करते आकर्षित उस ओर
उसे महत्त्व मिलता है हर सम्मलेन में |
वह गायन से या वायलिन वादन से
जलवे बिखेरता हर महफिल में
कुछ ऐसी छाप छोडता है
कमीं न होती प्रशंसकों की |
तालियों का सिलसिला जब भी चलता
दुगुना उत्साह उसमें भरता
है वह एक कलाकार उस बैंड का
जो आये दिन बुलाया जाता है
किसी न किसी आयोजन में
है वह जन्म जात कलाकार
पा कर आया है आशीष
माँ शारदे के कर कमलों का |
आशा