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तू यहाँ रहे या वहाँ रहे
जहां चाहे वहाँ रहे
कभी रूठी रहे
या मन जाए
पर बहारों का पर्याय है तू
मीठी यादों का बहाव है तू |
चेहरे की मुस्कराहत
अठखेलियाँ करती अदाएं
अखियों की कोर सजाता काजल
लगा माथे पर प्यारा सा डिठोना
किसी की नजर ना लग जाए |
तेरी नन्हीं बाहों की पकड़
कसती जाती थी
जब भी बादल गरजते थे
दामिनी दमकती थी
वर्षा की पहली फुहार
तुझे भिगोना चाहती था |
आगे पीछे सारे दिन
मेरा पल्ला पकड़
इधर उधर तेरा घूमना
गोदी में आने की जिद करना
राह में हाथ फैला कर रुक जाना
बाहों में आते ही मुस्कराना
जाने कितनी सारी बातें हैं
दिन रात मन में रहती हैं
कैसे उन्हें भुलाऊँ
तू क्या जाने
तू क्या है मेरे लिए |
आशा