नार कटवाती दाई ,जन्म होता सुखदाई
मनुष्य जीवन पाया ,यूं व्यर्थ जाए ना |
वह सुन्दरी सुमुखी ,सज सवर चल दी
रीत यहाँ की जाने ना ,चाल सीधी चले ना |
उसकी नागिन जैसी ,बल खाती लंबी वेणी
मुख में बीड़ा दबाना ,बिना हंसे चले ना |
मंद मंद मुस्काना ,ध्यान कहीं भटकाना
गुमराह होती जाना ,मार्ग है अनजाना |
मन में होती अशांति ,तूती बजे ना फिर भी
प्रभु के भजन गाना ,नार बिन चले ना|
आशा