कभी पलट कर देखना
जहां हो वहीं ठहर जाओगे
किसी ने यदि नाम पूंछा
वह भी भूल जाओगे |
प्रेम रोग है ही ऐसा
दीवानगी की हद पार करता
सारी बातें भूल कर
खुद में ही सिमट जाता |
वह कम नहीं किसी करिश्में से
जो भी इसमें खो जाता
सब कुछ अपना हारता
पर एक उपहार पाता |
आनेवाले जीवन में
यही बड़ा संबल होता
प्यार तो प्यार है
उसका कोई नाम न होता |
है छोटी सी बानगी
उसकी जादूगरी की
उसमें
खोते ही
खुद को भूल जाओगे
फिर
लौट नहीं पाओगे |
आशा