मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है कि आदरणीय पाठकों के समक्ष प्रस्तुत है मेरी पुस्तक आकांक्षा(ग्यारहवा कविता संकलन) जिसकी भूमिका लिखी है श्रीमती साधना वैद ने |लीजिये प्रस्तुत है भूमिका -
एक और मील का पत्थर
मन आत्म विभोर है की मती दीदी आदरणीय आशा लता सक्सेना जी जा एक और
नवीन कविता
संग्रह”आकांक्षा “ शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रहा है |यह उनका
ग्यारहवा कविता संग्रह है |
लेखन की गजब की क्षमता है दीदी में और वे जो भी लिखती हैं वह पाठकों
के हृदय पर अपनी अमित छाप छोड़ जाता है |
समय के साथ दीदी के लेखन में दिन व् दिन निखार आया है रचनाओं में
संवेदना सूक्ष्म से सूक्ष्मतर होती जा रही
है भावों में अतुलनीय गहराई आई है और वैचारिक स्तर पर भी रचनाएं चिंतनीय ,गंभीर एवं
सम्प्रेशानीय होती ही है|विषयानुरूप शब्दों
के चयन में भी उन्हें महारत हांसील है |उनके मन में मस्तिष्क में विचारों का
अविरल निर्झर सतत प्रवाहमान रहता है विषय सुझा ते ही उनकी रचना पलों
में अपना मनोहारी रूप और आकार लेलेती है |
यह उनकी अद्भुद सृजन शीलता का परिचायक है |उनकी लेखनी हर विषार पर खूब
चलती है |
हमारे आसपास की कोई भी घटना कोई भी पात्र या कोई भी प्रसंग उनकी रचना
का कथ्य बन जाता है |
हर विषय के विश्लेषण करने की उनकी दृष्टि विरल है और सहज ही प्रभावित कर लेती
हैं
इस काव्य की सभी रचनाएं बहुर सुन्दर
एव् प्रभावी हैं |
पंखुड़ी ,बयार ,मन बचपन का ,दुआ बद्दुआ ,मुझे न्याय चाहिए आदि अनेक
रचनाएं हैं जिनकी भाव भूमि अत्यन्त सशक्त
है और लेखिका ने बड़ी दक्षता के साथ अपनी भावनाओं को उनपर उकेरा है |
दीदी की रचना धर्मिता को मैं हृदय से नमन करती हूँ एवं आशा करती हूँ
कि उनका यह काव्यसंकलन “आकांक्षा” पाठकों के मन को निश्चित रूप से मोहित करेगा |
इस आलेख के माध्यम से अपनी अशेष शुभकामनाएं और शुभिच्छाएं दीदी के लिए
प्रेषित कर रही हूँ |
उनकी लेखनी अबाध गति से चलतीरहे एवं हमलोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी रहे यही मनोकामना है |
इस काव्य संकलन के प्रकाशन अधीरता से प्रतीक्षा है |
ढेर सारी अग्रिम बधाई और अनंत अशेष शुभ कामनाओं के साथ |
साधना वैद(कवियत्री एवम लेखिका )