उसके ख्यालों में आना
आँख मिचौली खेलते रहना
जज्बातों से उसके खेलना
तुम्हें शोभा नहीं देता |
अपने पर रखो नियंत्रण
किसी को दो न अवसर
उंगलियां उठाने का
कुछ अनर्गल बोलने का |
यह अधिकार भी
तुम खो चुके हो
अपनी मनमानी करके
अकारण उससे उलझ के |
वह कोई गूंगी गुडिया नहीं
जो कभी न बोले
अपने अधिकार जानती है
तुम्हें पहचानती है |
जितनी दूरी बना कर चलोगे
खुद पर नियंत्रण रखोगे
तभी उसे पाने में सफल रहोगे
यही एक तरकीब उसे
तुम तक पहुंचाएगी |
जब वह लौट कर आएगी
एक नए रूप में होगी
जिसे दिल से अपनाना
पर हमें तब भूल न जाना |
आशा