15 फ़रवरी, 2023

मर्यादा में कैसे रहें


 कभी दिन  रात मुझे लुभाते

खीचते मुझे अपनी ओर

मेरा मन भयभीत होता

मैं जान ना पाती क्या करती |

मुझमें सही गलत जानने का सलीका  

नहीं था हर बात से निपटने का

कोशिश भी की पर असफल रही

अपने को असफल जान रोना रोया  |

एक बुजुर्ग ने मुझे समझाया बुझाया    

 बचकानी हरकत को गुनाह करार दिया

तब मैंने अपना आत्म मंथन किया 

अपनी भूल को समझा स्वीकारा

शर्म से पानी पानी हुई

 जिद्द ना करने की कसम खाई |

बुजुर्गों के सामने कैसे रहना

ढंग से रहने का मन बनाया

मैने अपने मन को समझाया

हर बात को ध्यान से समझा |

सब बड़ों का कहना माना जाए

किसी से बहस ना की जाए

खुद को मर्यादा में रखा जाए

यही शिक्षा आज के किस्से से ली मैंने  |

आशा सक्सेना 

14 फ़रवरी, 2023

हाईकू



१-सोना व चांदी 

बहुत कीमती हैं 

जेवर बने 

२- हर धातु का 

अपना महत्व है 

वेश कीमती 

३-जो चमकता 

वो आकर्षक होता 

असली नहीं 

४- बड़ी मंहगी 
 किसी ने ना समझा 

फैक दिया है 

५- मंहगा  सस्ता 

जान पाया उसने 
पहचाना है 

आशा सक्सेना 

वेलेंटाइन डे

 

   


जाने क्यों आज सुबह से ही गली में चहलपहल थी |बड़ी जल्दी सब लड़के लड़कियां सज गए  थे |कहाँ तो माँ  जगा जगा  कर थक जाती थीं पर यही कह कर सो जाते थे अभी थोड़ा और सो लूं |

फिर से चादर ओढ़ कर सो जाते |पर आज उसने अलमारी  खोली और ऊपर से लाल गुलाब के फूल की एक डाली निकाली उसे सम्हाल कर अपने नेपकिन में छिपाया और गेट पर आ गया |उसने आवाज दी निन्नी को और बाहर आगया |

निन्नी तो इन्तजार ही कर रही थी |वह चटपट बाहर आईऔर बाउंड्री के बाहर हाथ से गुलाब लिया |

और धीमी आवाज में सुना “ हैप्पी वेलेंटाइन डे |क्या तुम मेरी वेलेंटाइन बनोगी” |

निन्नी ने शर्मा कर अपना मुंह हाथ से छिपा लिया |यह सब नजारा रज्जू की माँ दूसरी खिड़की से देख रहीं थीं| रज्जू ने जब मां को देखा वह  जल्दी से सड़क पर निकल  गया |

आशा सक्सेना 

13 फ़रवरी, 2023

एक सिक्के के दो पहलू हैं

  

एक सिक्के के दो पहलू हैं  

दोनो बहुत कुछ बोलते है

कहने को बड़े सजग हैं

अपने शब्दों को तोलते हैं |

यदि जानना चाहते हो कारण

 किसी से उलझने का या

कोई उलझा हो अपने आप में

सिक्का उछालते है |

चित है या पट मन में सोच लेते हैं

मन में विचार कर उत्तर भी जान पाते हैं

कितने ही लोग इसे सत्य मानते हैं

 चित पट के विश्वास पर भरोसा करते हैं|

पहले मैंने सोचा इसको भरम समझूं या नहीं

फिर सोचा शायद मै गलत हूँ पर कैसे

मन को विश्वास आए कैसे

यही सच कैसे उजागर हो |

 इसी सच को खोज पाऊँगी या नहीं

जब उसके पास पहुंच पाऊँगी

अपने को सफल पाऊँगी

बहुत खुश हो जाऊंगी |

आशा सक्सेना 

12 फ़रवरी, 2023

शब्दों का चयन

   किसी के ना सपने सजाए कहाँ जाती 

उसने मना किया वे प्यार न कर सके

तुमने तो समझ लिया है

उसे अपनाने की पेशकस की |

पर वहआगे न बढ़ सकी

वहीं की वहीं रही 

मन की पीड़ा न बांटी 

उसने उसे अपनाया नहीं  

उस भेद को मन में रखा खुद के अंतस में |

वह प्यार और प्रेम में विभेद न कर पाई

 शब्दों का लिवास उनको पहना ना पाई  

   शब्दों का चयन ना कर पाई सिंगार ना किया 

    यहीं उसने मात खाई |

अपने पर क्रोध आया उसे 

कोई रास्ता न सूझा वहीं की वहीं रही  

 दो कदम आगे तक न बढ़ पाई 

यही  उसने मात खाई |

आशा सक्सेना

 


11 फ़रवरी, 2023

हाईकू

१- तुमने उसे

क्या दिया जानते हो 

मन का दुःख

२-ईश्वर कहाँ 

मन में छुप गया 

देख न सकी

३-सबसे प्यारी 

है मुझे मेरी बेटी 

जन्म सफल 

४-प्रभु से पाई 

बड़ी मन्नत बाद 

है नियामत 

५-कविता गीत 

प्यारा संगीत चुना

मन मोहक   

६-कान्हां की बंसी 

मीठी मधुर धुन 

राधा ने सुनी 

७- आज के राज 

छिपे राजनीति में 

मन मैं नहीं 


आशा सक्सेना 



10 फ़रवरी, 2023

उसे क्या मिला




कहा तो यही जाता है 

प्याए दो प्यार मिलेगा 

 यह सच नहीं है पर उसने परिणाम  न सोचा 

वह  आगे कदम बढ़ाकर रोई |

जीवन में कष्टों के सिवाय

उसे  कुछ नहीं मिला 

जो पहले मिठास से भरी  

बाते करते थे उनने ही

 मुंह फेर लिया है   |

वह अब सोचती है 

जो चाहा उसने वही किया 

किसी की सलाह नहीं मानी 

नफा हो या नुकसान 

की मनमानी वहीं वह चूकी |

जो सोचा हुई उससे दूर 

मन का शीशा दरक गया 

 मन को बड़ा कलेश हुआ 

अरे यह क्या हुआ 

उसने ठोकर खाई |

फिर भी देख परिणाम 

सोचा उसे क्या मिला 

यदि पहले ही सतर्क हो जाती

यह दिन न देखना पड़ता 

उसे क्या मिला | 

आशा