उसने तुमसे प्यार किया
कभी खुल कर ना इजहार किया
जीवन की घड़ियाँ होती कठिन
किसने की शिकायत तुम्हारी
तुम कान के कच्चे तो नहीं
घर में यह है हाल
तब बाहर ना
जाने क्या होगा |
तुमने उसे अपनाया नहीं
एहसास कराया नहीं
कि उसका तुम्हारे
सिवाय कौन
होगा |
तुम से बड़ा
हितेषी आजतक
उसने कभी
देखा नहीं, परखा नहीं
उसका क्या संबध
रहा तुमसे
क्या सोचा
तुमने उसके लिए
फिर संबंधों में दरार, क्यूँ किस लिए
आशा सक्सेना