१- पहले कभी
न कोई चाह रही
मैं खो गई
२ -यादों का होना
जरूरी नहीं होता
यदि काम हो
३-है आवश्यक
मन की व्यस्तता है
रिक्तता नहीं
४-ममता हुई
उसे न भूल पाई
यही है सत्य
५- कैसे मकान
रहवासी के बिना
आत्मीयता के
६-यह प्यार है
कोई जुलम नहीं
मिलन होना
आशा सक्सेना
१- पहले कभी
न कोई चाह रही
मैं खो गई
२ -यादों का होना
जरूरी नहीं होता
यदि काम हो
३-है आवश्यक
मन की व्यस्तता है
रिक्तता नहीं
४-ममता हुई
उसे न भूल पाई
यही है सत्य
५- कैसे मकान
रहवासी के बिना
आत्मीयता के
६-यह प्यार है
कोई जुलम नहीं
मिलन होना
आशा सक्सेना
कोरा कागज़ है मन मेरा
स्याही भी नहीं है लिखने को
पर चाहत है मन में आए
विचारों को कलमबद्ध करने की
कागज़ पर उतारने की |
कहीं यदि स्याही मिल पाई
यदि इसमें सफल हो पाई
मन में अपार शांती आएगी
मनोकामना पूर्ण हो जाएगी |
यदि ऐसा नहीं हो पाया
मन में बेचैनी बढ़ेगी
जीवन अधूरा रह जाएगा
कभी संतुष्ट न हो पाएगा |
स्याही न मिलने पर
कोई तो लेखनी मिलेगी
जिससे अपने भाव लिख कर
अधूरा स्वप्न पूरा हो पाएगा
|
आशा सक्सेना
उसका मनमीत
खुश हाल जिन्दगी के लिए
चाहिए उसको कोई हमसफर
जो सूरत और सीरत में
उससे कम न हो |
वह जो चाहे उस जैसा ही करे
उसके मन को ठेस ना पहुचे
वह उसे मन का मीत कहे
उस जैसा प्यार कोई ओर न कर
पाए |
वह हो उसकी प्रथम जरूरत
दूसरा कोई ओर ना हो उस जैसा
कोई उससे तुलना में आगे न
हो
यही है चाह उसकी |
तभी अभी तक कोई ना मिला
उसने जैसा चाहा
उसकी जिन्दगी रही अधूरी
मनमीत के बिना |
उम्र बीती इच्छा मरी
मन में प्यार न उपजा
जीवन हुआ सूखा वृक्ष सा
कोई चहकता पक्षी न आया |
जीवन हुआ बेरंग
कोई समझ ना पाया
दो प्रकार से जीवन बीता
एक के ऊपर एक मुखोटा जैसा |
आशा सक्सेना
किसी के प्यार को तोला नहीं जा सकता
कोई नाप नहीं उसे मापने के
लिए
जिसने भी यह कोशिश की वही
मात खा गया
यह तो एक आतंरिक भावना है |
जो बिना मतलव के उत्पन्न होती है
जिसे दिल से केवल अनुभव किया जाता है
यदि दिल को आभास हुआ थोड़े
से झुकाव का
समझ लो प्यार हुआ वरना सब
दिखावा है |
सच्चे प्यार को जब चुनते
हैं दिल और दिमाग
दिमाग दौनों का उपयोग है आवश्यक प्यार के लिए
केवल मीठी बाते नहीं कह
पातीं मन क्या चाहता
कभी कटु भाषी भी प्यार करता
है |
उसे शब्द नहीं मिलते भावनाओं को दर्शाने के लिए
यहीं जा कर वह हार जाता है
प्यार को दर्शाने में
क्षेत्र
में कभी तो सफलता मिलेगी उसे |
|सारी जिन्दगी एक ही कार्य करने से
मन
कभी बोझिल हो जाता है
यदि
कोई बदलाव नहीं किया
मन कभी स्थिर नहीं रहता
किसी से दुःख बांटना नहीं चाहता
यदि कोई ऐसा मिल जाए तो क्या बात है
मन को तो सहारा चाहिए |
किसी बात से जब मन दुखी हो जाता है
वह एकांत चाहता है यदि वह नहीं मिले
तब मन ऐसा अभिन्न मित्र चाहता है जो
उसे समझ सके अपनी बात समझा सके |
अपनी बात स्पष्ट ऐसे कर सके
उसे समझा सके जिससे
वह पूरी तरह उसके
मन में उतर पाए|
उसका असंतोष कहीं खो जाए
उसके आनन पर प्रसन्नता आए
उसकी ख़ुशी की झलक
चहरे पर आए
आशा सक्सेना
कोशिश में कमी होनी न
चाहिये
प्रयत्न करते रहना चाहिए
पूरी शिद्दत से |
है जीवन एक जटिल पहेली
नहीं आसान इसे हल करना
इसको हल करने में
जीवन बीत जाएगा |
हल निकले जब
कोई
खुद को सफल मान लेना
और असफल रहने पर
कभी हार न मानना |
फिर से प्रयास रत
रहना
सफलता हाथ आते ही
खुद को सक्षम समझना
यही एक तरीका है खुश रहने का |
वही सफल है जीवन में
जो असफल होने से
नहीं डरे
हार नहीं माने किसी से
किसी बैसाखी की चाह
रहे |
आशा सक्सेना
करवटें बदलती जिन्दगी
जिन्दगी करवटें लेते गुजरी
कोइ काम किया ना किया
कुछ भी रचनात्मक न हो सका
जीवन जिया या ना जिया हमने |
किसी भी आकर्षण ने बरबाद ना किया
मनमानी की आदत ने
समाज से भी दूर किया
खेरियत यही रही सीधी राह पर चले
यहाँ तक आते आते राह नहीं भटके
बचपन में जो देखा सुना था
गहरा प्रभाव रहा मन में |
एक बात अच्छी रही
किसी का प्रभाव नहीं पड़ा मन में
अपना वजूद ना खोया हमने |
हम तो हम थे अंधभक्त नहीं
जहां थे वहीं रहे आगे बढ़ने की चाह में
कुछ नया नहीं सीखा हमने सद्गुणों के
सिवाय
कुप्रभाव से दूर रहे यही क्या कम है |
किसी के प्रभाव में नहीं आए
कितनी बार विचार मन में आया
अकेले जीवन गुजरेगा कैसे
किसी को समय नहीं हमारे लिए |
पुस्तकों से अच्छा कोई मित्र नहीं
समय कहाँ कट जाता है पता नहीं चलता |