01 जनवरी, 2024

हाइकु

 

१-बहुत किया

             प्यार की सीमा नहीं                                                                है बेमिसाल 

 

२- ममता नहीं

नहीं  कोई  लगाव

यह क्या है   

 

३- रूखापन है

किस काम का रहा

ऐसा मिजाज

 

४- मन करता

जो भी हो सरल

सहज काम

 

५- प्रेम ही फैला

सबसे जुदा होकर

किसी ने कहा  


आशा सक्सेना 

31 दिसंबर, 2023

आनेवाला कल

·

आज की  रात बीतेगी नया साल

मनाने के लिये स्वागत की तैयारे में  

 आने वाले वर्ष  के स्वागत की मौज मस्ती में

कल सुबह तक नींद न आएगी खुमारी  रहेगी |

आज की रात आई है दो हजार तेईस में  

कल सुबह आएगी दो हजार चौबीस में

हमारी नींद खुलेगी पूरे एक साल बाद ने साल में

कल सुबह  आदित्य अपने रथ पर हो सबार

घूमने निकलेगा देशाटन को

रश्मियाँ उसकी फैलेंगी वृक्षों की पत्तियों पर 

बहुत सुन्दर नजारा होगा बाग़ का 

जितना सुन्दर सुवह का नजारा होगा 

आज की  रात बीतेगी नया साल

मनाने के लिये स्वागत की तैयारे में  

 आने वाले वर्ष  के स्वागत की मौज मस्ती में

कल सुबह तक नींद न आएगी खुमारी  रहेगी |

आज की रात आई है दो हजार तेईस में  

कल सुबह आएगी दो हजार चौबीस में

हमारी नींद खुलेगी पूरे एक साल बाद ने साल में

कल सुबह  आदित्य अपने रथ पर हो सबार

घूमने निकलेगा देशाटन को

रश्मियाँ उसकी फैलेंगी वृक्षों की पत्तियों पर

बाग़ में फूल खिलेंगे सुरभी जाएगी दूर तक 

माली की खुशी होगी दोगुनी |

आशा सक्सेना 

 

30 दिसंबर, 2023

जीवन की गाड़ी


 

जब जन्म लिया बड़ी हुई 

मेरी गाड़ी चल निकली

समय के साथ साथ

कोई व्यवधान नहीं आया |

जीवन चला निर्वाध गति से

कोई कठिनाई नहीं आई मार्ग में

पर जैसे जैसे उम्र बढ़ी

बाधाओं ने रंग दिखाना प्रारम्भ किया  |

पहले छोटे झटके लगे जिनसे सरलता से उभरी  

बड़े झटके सहन ना कर पाई लडखडाई गिरी

फिर गिर कर सम्हली आगे चली

अब तो यह रोज की बात हो गई |

समय की गति तो सामान्य  रही

 मेरी गाड़ी की गति कभी तेज कभी धीमी हुई

मेरी गाड़ी समय की बराबरी न कर सकी

आखिर हिम्मत हार गई बहुत पिछड कर रह गई |

आई प्रभु की शरण है तरन तारण

अब वही आशा ले कर आई हूँ

मेरी आशा पूर्ण करों भव सागर से पार करो

 गाड़ी सही मार्ग पर लाओ जीवन का बेड़ा पार लगाओ|

29 दिसंबर, 2023

दीपक हुआ उदास




है आज दीपक उदास

अकेलापन उसे डसता है

जब से हुआ अपने

सयोगीयों से जुदा |

बैठा है बहुत  उदासी से भरा

 अपने साथिओं के अभाव मैं

जिनने उसे छोड़ा बिना बात

उसने पाया अकेला खुद को |

उसने सोचा था

वह  अकेला ही काफी है

जलने के लिए समीर के साथ  

अपने  कार्य के लिए |

 नहीं आवश्यकता होगी

 तेल और बाती की

पर वह जान न पाया

अकेला कुछ नहीं कर सकता |

बिना सहयोग लिए

 तेल और बाती  का

समीर के बिना भी

 कुछ नहीं हो सकता  |

जब सब एकत्र हो  जाते हैं

मिल जुल कर कार्य

 सम्पन्न करते हैं  

दीपक जल जाता है

पूर्ण रौशनी के साथ |

मन का अन्धेरा भी

 लुप्त हो जाता है

जब घर का कोना कोना

रोशनी में नहाता है |

आशा सक्सेना 

28 दिसंबर, 2023

जिन्दगी जीने के लिए हैं आवश्यक

 

जिन्दगी जीने के लिए  क्या चाहिये

क्या रोटी कपड़ा और मकान चाहिए

इन साधनों से क्या होता है

 केवल शरीर ही चल सकता है मन नहीं |

शरीर के अलावा कुछ और भी होता है

नाम है  जिसका मन 

 कोई रूप रंग नहीं उसका

यदि  उसका ध्यान नहीं रखा 

तब  वह नाराज बना रहता |

उसकी भी संतुष्टि चहिये 

उस हेतु  यत्न करना होते हैं 

जितनी आवश्यकताएं पूर्ण होगी 

तभी सफल जीवन होगा

उतना ही मन प्रसन्न होगा

 जीवन भर खुशियों के  फूल खिलेंगे |

 रोटी कपडे और मकान की जरूरत से भी 

मुंह फेरा नहीं आ सकता

ये और मन की संतुष्टि  दौनों हैं 

 आवश्यक सुखी जीवन के लिए |

आशा सक्सेना

27 दिसंबर, 2023

हाइकु (बरसात )

 

1  -हैं सुनहरी 

शाम की रंगीनियाँ

सूरज ढला 

२-हरी पत्तियाँ

वृक्षों पर सोहतीं

मुरझा गईं

३-है हरा भरा 

बगिया का आलम

माली है  खुश 

४-सावन आया

झरझर बरसा

टपका जल

५-बरसा जल

ओले बरस रहे

हवा के साथ  

६- ओले पड़ते 

धीमें धीमें बाहर 

थाली में रखे 

७-ओले का पानी 

उपयोगी दवा  है 

अपने लिए |

आशा सक्सेना 

26 दिसंबर, 2023

आने वाला वर्ष

 कल की सुबह जब होगी 

आने वाले वर्ष  का इन्तजार रहेगा 

जाने वाले कल ने विदा चाही 

जाने कितने अधूरे रहे काम जो पूर्ण न हो पाए 

उनकी पूर्ती करना जरूरी है  |

यदि सोचा समझा नहीं कार्य जो शेष हैं 

 वे ऐसे ही रह जाएंगे कभी पूर्ण न हो पाएंगे |

 हम अपने आप से बादा करलें 

आगे बढ़कर  आने वाले वर्ष में  

 कदम बढ़ाकर पीछे न हटाएंगे  

कभी हार किसी से न मानेगे |

आने वाला वर्ष बहुत सी खुशिया लाएगा 

तभी जोर शोर से उसका स्वागत किया जाएगा 

सारे कार्य जब संपन्न होंगे 

मन को सुकून मिलेगा  |

आशा सक्सेना