क्या देख कर
मुस्कुरा रही हो
जाने क्या सोच रही हो
सभी को लुभा रही हो |
तुम्हारे चेहरे का नूर
यह आँखों की चमक
कहती है बहुत कुछ
घुल जाती मिठास मन में
तुम्हें देख कर |
सरिता भावों से भरी
करती भाव बिभोर
कोई त्रुटि न रह जाए
मन में रहता भय
जमाने की बुरी नजर
से बचाए तुम्हे कैसे |
रहो सदा ऐसी ही
है कामना यही
प्यार भरे अंदाज का
अदभुद उपहार यही |
आशा
मुस्कुरा रही हो
जाने क्या सोच रही हो
सभी को लुभा रही हो |
तुम्हारे चेहरे का नूर
यह आँखों की चमक
कहती है बहुत कुछ
घुल जाती मिठास मन में
तुम्हें देख कर |
सरिता भावों से भरी
करती भाव बिभोर
कोई त्रुटि न रह जाए
मन में रहता भय
जमाने की बुरी नजर
से बचाए तुम्हे कैसे |
रहो सदा ऐसी ही
है कामना यही
प्यार भरे अंदाज का
अदभुद उपहार यही |
आशा